मेरा कसूर क्या था अब्बा? सिर्फ प्यार! सानिया-सागर की लव स्टोरी का द एंड, हिमाचल से लाए, फिर हाथ गले पर पहुंचा…

मेरा कसूर क्या था अब्बा? सिर्फ प्यार! सानिया-सागर की लव स्टोरी का द एंड, हिमाचल से लाए, फिर हाथ गले पर पहुंचा…

Baghpath Interfaith Love Story:ये इश्क नहीं आसान, इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है… जिगर मुरादाबादी की ये शायरी आपने जीवन में एक-न-एक बार तो जरूर सुनी होगी. लेकिन क्या आपने इस शायरी को सच होते देखा है? अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां दो अलग धर्मों के सागर और सानिया को प्यार करने की ऐसी सजा मिली, जिसके बारे में आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

यह कहानी है 17 साल की सानिया और 19 साल के सागर की, सानिया और सागर बागपत के छोटे से गांव पालड़ी के रहने वाले थे. दोनों अलग-अलग समुदाय से थे सागर हिंदू और सानिया मुस्लिम. दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे और एक साथ जिंदगी बिताने का सपना देखा. लेकिन उनके इस सपने को उनके परिवार के लोगों स्वीकार नहीं था.

सानिया और सागर की प्रेम कहानी
यही कारण था कि 16 जुलाई 2025 की रात को सानिया और सागर हिमाचल प्रदेश के ऊना गांव भाग गए. सागर का परिवार ऊना में रहकर काम करता था और सागर को लगा कि वहां वो और सानिया एक नई जिंदगी शुरू कर सकते हैं. लेकिन सानिया के परिवार को जैसे ही इस बात की खबर लगी, सानिया के ताऊ, चचेरे भाइयों और परिवार के अन्य लोगों ने सागर और सानिया का पीछा किया. वो दोनों को ढूंढते हुए हिमाचल प्रदेश पहुंच गए. वहां से सानिया और सागर को मारते-पीटते हुए वापस गांव लाया गया. सानिया के परिवार का गुस्सा सिर्फ सागर पर ही नहीं निकला, बल्कि उन्होंने सानिया को भी नहीं बख्शा.

गांव लौटने के बाद सानिया के परिवार ने सागर और उसके परिवार को बंधक बना लिया. सानिया के साथ भी बेरहमी से मारपीट की गई. सानिया का ताऊ और चचेरे भाई उसकी शादी कहीं और करना चाहते थे, लेकिन सानिया सागर के साथ ही शादी करने की जिद पर अड़ी थी. इस बात ने उनके गुस्से को और भड़का दिया. 16 और 17 जुलाई को सानिया के साथ मारपीट हुई और फिर 23 जुलाई को एक बार फिर उस पर जुल्म ढाए गए.

सानिया मर्डर केस
23 जुलाई की रात को सानिया के साथ इतनी बेरहमी से मारपीट की गई कि उसकी हालत बिगड़ गई. सानिया के माता-पिता ने अपने रिश्तेदारों से गुहार लगाई कि उनकी बेटी को बख्श दें, लेकिन उनकी बात कोई नहीं सुना. इल्जाम है कि सानिया के ताऊ और चचेरे भाइयों ने उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. सानिया की हत्या के बाद सानिया के परिवार ने एक कहानी गढ़ी. उन्होंने गांव वालों को बताया कि सानिया की मौत टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) की बीमारी की वजह से हुई. इस झूठ के सहारे उन्होंने सानिया की लाश को 23 जुलाई की रात को ही गांव के कब्रिस्तान में दफना दिया.

कब्रिस्तान में सानिया की लाश को दफनाने के दौरान कुछ गांव वालों की नजर उस पर पड़ी. लाश पर गला घोंटे जाने और मारपीट के निशान साफ दिख रहे थे. लेकिन गांव वालों ने डर के मारे या दूसरी वजहों से इस बारे में पुलिस को कुछ नहीं बताया. सानिया के दादा एक स्थानीय राजनीतिक पार्टी के नेता थे, जिसके चलते उनके परिवार का गांव में दबदबा था. शायद यही वजह थी कि गांव वाले चुप रहे.

सानिया का मर्डर कर कब्रिस्तान में गाड़ी लाश
उधर, सागर और उसके परिवार की हालत खराब थी. सानिया के परिवार ने उनके साथ भी मारपीट की थी और जान से मारने की धमकी दी थी. 23 और 24 जुलाई की रात को रामपाल ने हिम्मत जुटाई और पुलिस को फोन करके पूरी घटना की जानकारी दी. लेकिन पुलिस ने शुरुआत में इस शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया. रामपाल ने एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन के बड़े अधिकारियों से गुहार लगाई. इस वीडियो में रामपाल ने सानिया की हत्या और अपने परिवार के साथ हुए जुल्म की पूरी कहानी बयां की. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और आखिरकार पुलिस और प्रशासन की नींद टूटी.

बागपत की डीएम ने कब्र से सानिया की लाश निकालने का आदेश दिया. 26 जुलाई को एसडीएम की मौजूदगी में कब्रिस्तान में खुदाई शुरू हुई. करीब 45 मिनट की मेहनत के बाद सानिया की लाश को बाहर निकाला गया. लाश पर मारपीट और गला घोंटे जाने के निशान साफ दिख रहे थे. पुलिस ने लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने सानिया के ताऊ मतलूब समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया. कुछ और लोगों की तलाश जारी है. बागपत के पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार राय ने बताया कि सागर जो डर के मारे फिर से ऊना चला गया था उसे वापस लाकर उसका बयान दर्ज किया जाएगा.

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